Is having undescended testicles a sign of infertility?
अंडकोष का नीचे न आना और प्रजनन क्षमता का संबंध

क्या अंडकोष का नीचे न आना बांझपन का संकेत है?
अंडकोष का नीचे न आना, जिसे क्रिप्टोर्चिडिज्म (cryptorchidism) भी कहते हैं, एक ऐसी स्थिति है जिसमें बच्चे के जन्म के समय एक या दोनों अंडकोष अंडकोश की थैली (scrotum) में नहीं होते। यह एक आम जन्मजात समस्या है, जो आमतौर पर समय से पहले पैदा हुए बच्चों में ज्यादा देखी जाती है।
अंडकोष का नीचे न आना और प्रजनन क्षमता का संबंध
यह सच है कि अंडकोष का नीचे न आना बांझपन का कारण बन सकता है, खासकर यदि इसका इलाज न किया जाए। अंडकोष शुक्राणु (sperm) के उत्पादन के लिए शरीर के तापमान से थोड़े कम तापमान पर काम करते हैं। जब अंडकोष पेट के अंदर या जांघों के पास रहते हैं, तो वे शरीर के उच्च तापमान के संपर्क में आते हैं, जिससे शुक्राणु का उत्पादन प्रभावित होता है।
- एक अंडकोष का नीचे न आना: यदि केवल एक अंडकोष अंडकोश की थैली में नहीं आता है, तो भी प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है। हालांकि, कई मामलों में दूसरा अंडकोष पर्याप्त मात्रा में स्वस्थ शुक्राणु का उत्पादन कर सकता है, जिससे बच्चा पैदा करने की संभावना बनी रहती है। फिर भी, ऐसे पुरुषों में प्रजनन संबंधी समस्याएं होने का खतरा अधिक होता है।
- दोनों अंडकोष का नीचे न आना: यदि दोनों अंडकोष अंडकोश की थैली में नहीं आते हैं, तो बांझपन का खतरा बहुत अधिक बढ़ जाता है। दोनों अंडकोष के उच्च तापमान के संपर्क में आने से शुक्राणु का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित होता है या पूरी तरह से रुक सकता है।
इलाज और रोकथाम
इस समस्या का जल्द से जल्द निदान और उपचार करना बहुत महत्वपूर्ण है। ऑर्चिडोपेक्सी (orchidopexy) नामक एक सर्जिकल प्रक्रिया के माध्यम से अंडकोष को अंडकोश की थैली में नीचे लाया जाता है। यह सर्जरी आमतौर पर बच्चे के 6 से 12 महीने की उम्र के बीच की जाती है। यदि यह सर्जरी समय पर की जाए, तो भविष्य में प्रजनन क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की संभावना काफी कम हो जाती है।
देरी से इलाज या इलाज न कराने से न केवल बांझपन का खतरा बढ़ता है, बल्कि टेस्टिकुलर कैंसर (वृषण कैंसर) और अंडकोष के मुड़ने (testicular torsion) का जोखिम भी बढ़ जाता है। इसलिए, यदि आपके बच्चे में यह स्थिति पाई जाती है, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना बहुत जरूरी है।