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एक साल तक कोशिश करने के बाद नैचुरली प्रेग्नेंट होने के क्या चांस हैं?

What are the chances of getting pregnant naturally after one year of trying?

एक साल की कोशिश के बाद क्या उम्मीद रखें?

आंकड़ों के अनुसार, लगभग 80% से 85% कपल नियमित प्रयास के एक साल के भीतर प्राकृतिक रूप से गर्भधारण कर लेते हैं। जो कपल पहले साल में सफल नहीं होते, उनके लिए अगले साल (दूसरे वर्ष) में सफल होने की संभावना लगभग 50% रहती है।

दूसरे साल में नेचुरल प्रेगनेंसी के कितने चांस हैं?

अगर पहले साल में सफलता नहीं मिली है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि प्राकृतिक रूप से गर्भधारण असंभव है। चिकित्सा अध्ययनों के अनुसार, जो कपल ‘अनएक्सप्लेंड इनफर्टिलिटी’ (बिना किसी स्पष्ट कारण के बांझपन) की श्रेणी में आते हैं, उनमें से कई दूसरे साल के दौरान बिना किसी बड़े मेडिकल ट्रीटमेंट के कंसीव कर लेते हैं। हालांकि, उम्र बढ़ने के साथ यह संभावना हर महीने 1% से 3% तक कम होती जाती है।

 

वह कौन से कारण हैं जो संभावनाओं को प्रभावित करते हैं?

  • उम्र (Age): महिला की उम्र सबसे बड़ा कारक है। 35 वर्ष की आयु के बाद अंडों की गुणवत्ता और संख्या तेजी से गिरती है।
  • फ्रीक्वेंसी (Frequency): ओव्यूलेशन विंडो (Fertile Days) के दौरान सही समय पर संबंध बनाना।
  • जीवनशैली: धूम्रपान, अत्यधिक शराब, और तनाव (Stress) का स्तर शुक्राणु और अंडों की सेहत पर सीधा असर डालता है।

 

कब इंतजार करना बंद करें और डॉक्टर के पास जाएं?

यही वह सवाल है जो सबसे ज्यादा पूछा जाता है। विशेषज्ञ निम्नलिखित स्थितियों में तुरंत सलाह लेने की सलाह देते हैं:

  • महिला की उम्र 35+ हो: यदि आप 35 से ऊपर हैं, तो 6 महीने की कोशिश के बाद ही डॉक्टर से मिलें।
  • पीरियड्स की समस्या: यदि पीरियड्स बहुत अनियमित हैं या अत्यधिक दर्दनाक (Endometriosis का संकेत) हैं।
  • मेडिकल हिस्ट्री: यदि पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (PID) या पूर्व में कोई सर्जरी हुई हो।
  • पुरुष कारक: यदि पुरुष साथी को बचपन में कण्ठमाला (Mumps) या हर्निया जैसी समस्या रही हो।

 

संभावनाओं को बढ़ाने के लिए क्या बदलाव करें?

अगर आप दूसरे साल में प्रवेश कर चुके हैं, तो इन 3 चीजों पर ध्यान दें:

  1. ओव्यूलेशन ट्रैकिंग: सिर्फ मोबाइल ऐप्स पर भरोसा न करें; ओव्यूलेशन प्रेडिक्टर किट (OPK) या ‘बेसल बॉडी टेम्परेचर’ का उपयोग करें।
  2. पुरुष साथी की जांच: अक्सर सारा ध्यान महिला पर होता है, लेकिन 40-50% मामलों में समस्या पुरुष के स्पर्म काउंट या मोटिलिटी में हो सकती है। एक साधारण Semen Analysis बहुत समय बचा सकता है।
  3. Hysterosalpingogram (HSG): यह एक साधारण टेस्ट है जिससे पता चलता है कि फैलोपियन ट्यूब्स खुली हैं या नहीं।

 

क्या मानसिक तनाव बाधा बन रहा है?

“इनफर्टिलिटी स्ट्रेस” एक चक्र है। एक साल बाद तनाव बढ़ता है, जिससे शरीर में प्रोलैक्टिन और कोर्टिसोल जैसे हार्मोन बढ़ जाते हैं, जो ओव्यूलेशन को रोक सकते हैं। कभी-कभी ‘हॉलिडे’ या ‘ब्रेक’ लेना भी गर्भधारण में मदद कर देता है क्योंकि शरीर तनावमुक्त होता है।

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