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क्या बहुत छोटे या कड़े वृषण (Testicles) से बांझपन का संकेत मिलता है?

क्या बहुत छोटे या कड़े वृषण (Testicles) से बांझपन का संकेत मिलता है?

वृषण (अंडकोष) पुरुष प्रजनन प्रणाली के महत्वपूर्ण अंग हैं, जो शुक्राणु और हार्मोन (मुख्यतः टेस्टोस्टेरोन) का उत्पादन करते हैं। सामान्य तौर पर, वृषण का आकार 15 से 25 मिलीलीटर होता है, जो लगभग एक छोटे अंडे के बराबर होता है। यदि वृषण का आकार सामान्य से बहुत छोटा है या वे सामान्य से अधिक कड़े हैं, तो यह कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकता है, जिनमें बांझपन (Infertility) भी शामिल है।

छोटे वृषण (Small Testicles):

छोटे वृषण, जिसे मेडिकल भाषा में ‘वृषण शोष’ (Testicular Atrophy) कहते हैं, कई कारणों से हो सकते हैं:

  • हार्मोनल असंतुलन: पिट्यूटरी ग्रंथि या हाइपोथैलेमस से पर्याप्त हार्मोन (जैसे FSH और LH) का उत्पादन न होने पर वृषण का विकास रुक सकता है।
  • आनुवंशिक कारण: कुछ आनुवंशिक विकार, जैसे क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम (Klinefelter’s Syndrome), छोटे वृषण और बांझपन का कारण बन सकते हैं।
  • संक्रमण: कुछ संक्रमण, जैसे मम्प्स (Mumps) के कारण होने वाला ऑर्काइटिस, वृषण के ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे वे सिकुड़ जाते हैं।
  • वैरिकासेले (Varicocele): वृषण में रक्त ले जाने वाली नसों में सूजन आने से वृषण का तापमान बढ़ जाता है, जिससे शुक्राणु उत्पादन प्रभावित होता है और वृषण सिकुड़ सकते हैं।
  • अत्यधिक स्टेरॉयड का उपयोग: बॉडीबिल्डिंग के लिए स्टेरॉयड का उपयोग वृषण के सामान्य कार्य को बाधित कर सकता है।

जब वृषण छोटे होते हैं, तो अक्सर इसका मतलब होता है कि शुक्राणु का उत्पादन सामान्य से कम हो रहा है। वृषण का छोटा आकार उनके अंदर मौजूद शुक्राणु बनाने वाले ऊतकों की कम मात्रा को दर्शाता है। इससे शुक्राणु की संख्या (Sperm count) कम हो सकती है, जो बांझपन का एक मुख्य कारण है। हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि छोटे वृषण वाले सभी पुरुष बांझ हों। कुछ मामलों में, शुक्राणु उत्पादन कम होने पर भी गर्भाधान संभव हो सकता है, लेकिन इसकी संभावना कम हो जाती है।

कड़े वृषण (Firm Testicles):

वृषण का सामान्य से अधिक कड़ा होना भी एक चिंता का विषय हो सकता है। यह आमतौर पर वृषण के ऊतकों में फाइब्रोसिस (Fibrosis) या स्कारिंग (Scarring) के कारण होता है। कड़े वृषण कुछ स्थितियों का संकेत हो सकते हैं:

  • वृषण ट्यूमर (Testicular Tumour): किसी भी प्रकार का ट्यूमर वृषण की कठोरता बढ़ा सकता है। यह अक्सर एक वृषण में ही होता है और दर्द रहित गांठ के रूप में महसूस किया जा सकता है।
  • संक्रमण या सूजन: लंबे समय तक संक्रमण या सूजन से वृषण के ऊतकों में स्थायी क्षति हो सकती है, जिससे वे कड़े हो जाते हैं और उनका सामान्य कार्य प्रभावित होता है।
  • आनुवंशिक विकार: क्लाइनफेल्टर सिंड्रोम में भी वृषण छोटे होने के साथ-साथ कड़े हो सकते हैं।

कड़े वृषण का मतलब है कि अंदर के ऊतक क्षतिग्रस्त हैं या उनमें सामान्य से अधिक स्कार ऊतक बन गए हैं। यह स्थिति भी शुक्राणु उत्पादन को प्रभावित कर सकती है, जिससे बांझपन हो सकता है।

निष्कर्ष:

छोटे या कड़े वृषण संभावित रूप से बांझपन का संकेत हो सकते हैं, लेकिन यह हमेशा बांझपन का कारण नहीं होते। यह दोनों लक्षण शुक्राणु उत्पादन में कमी का संकेत दे सकते हैं। यदि कोई पुरुष अपने वृषण के आकार या बनावट में असामान्य परिवर्तन महसूस करता है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। डॉक्टर शारीरिक परीक्षण, हार्मोनल जांच, और अल्ट्रासाउंड जैसे परीक्षणों से सही कारण का पता लगा सकते हैं और उचित इलाज सुझा सकते हैं।

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